Saturday 26 October 2013

Importancy of mother milk

· बतौर ग़िज़ा दूध की एहमियत से कौन इनकार कर सकता है, दूध ऐसी मुतावाज़िन ग़िज़ा है जिसमें ग़िज़ा के तमाम अजज़ा (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन, मिनीरल और पानी) पाया जाता है। यही सबब है कि दूध बीमारी, सेहत और हर उम्र के अफ़राद के लिये मुफ़ीद है। अगर किसी का जिस्म दूध क़ुबूल न करता हो तो उबालते वक़्त चन्द दाने इलाइची के डाल दें।
· क़ुरआन दूध की अहमियत को इस तरह बयान करता है और चैपायों के वजूद में तुम्हारे पीने के लिये हज़मशुदा ग़िज़ा (फ़रस) और ख़ून में से ख़ालिस और पसन्दीदा दूध फ़राहम करते हैं (सूर-ए-हिजर आयत 66) यानी माँ जो कुछ खाती है उससे फरस बनता है और फिर उससे ख़ून बनता है और उन दोनों के दरमिया में से दूध वुजूद में आता है। मतलब यह कि दूध में हज़म शुदा ग़िज़ा के अजज़ा के साथ ख़ून के अनासिर भी शामिल होते हैं। आयत में दूध को ख़ालिस और मुफ़ीद क़रार दिया गया है।
· दूध के बाज़ अनासिर ख़ून में नही होते और पिसतान के गुदूद में बनते हैं मसलन काज़ईन, ख़ून के कुछ अनासिर बग़ैर किसी तग़य्युर के ख़ून के प्लाज़मा से तुरशह होकर दूध में दाखि़ल होते हैं मसलन मुख़तलिफ़ विटामिन, खूरदनी नामक और मुखतलिफ फासफेट। कुछ और मवाद तबदील हो कर खून से मिलते हैं जैसे दूध में मौजूद लेकटोज़ शकर।
· माहिरीन कहते हैं कि पिसतान में एक लीटर दूध पैदा होने के लिये कम अज़ कम पाँच सौ लीटर ख़ून को उस हिस्से से गुज़रना पड़ता है ताकि दूध के लिये ज़रूरी मवाद ख़ून से हासिल किया जा सके। बच्चा जब पैदा होता है तो उसका दिफ़ाई निज़ाम बहुत कमज़ोर होता है इसलिये माँ के ख़ून में पाये जाने वाले दिफ़ाई अनासिर दूध में मुन्तक़िल होते हैं। तहक़ीक़ात में पाया गया है कि माँ के पहले दूध में कोलेस्ट्रम की मिक़दार बहुत ज़्यादा होती है। चूँकि नव मौलूद का माहौल तबदील होता है इसलिये माँ के पहले दूध में कोलेस्ट्रम की इज़ाफ़ी मिक़दार बच्चे के तहफ़्फ़ुज़ के लिये मुआविन साबित होती है। माँ का दूध बच्चे के लिये सिर्फ़ ग़िज़ा नहीं बल्कि दवा है। क़ुरआन में जनाबे मूसा अ0 की विलादत के बाद इरशाद होता है ‘‘हमने मूसा की माँ को वही की कि उसे दूध पिलाओ और जब तुम्हें उस के बारे में ख़ौफ़ लाहक़ हो तो उसे दरया की मौजों के सिपुर्द कर दो’’ सूर-ए-कसस आयत 7 ।
· दूध में सोडियम, पोटेशियम, कैलशियम, मैगनीशियम, काँसा, ताँबा, आएरन, फासफोरस, आयोडीन और गन्धक वग़ैरा मौजूद होते हैं। इसके अलावा दूध में कारबोनिक ऐसिड, लैक्टोज़ शकर, विटामिन ए, बी, सी मौजूद होते हैं। दूध में कैलशियम काफ़ी मिक़दार में होता है जो पुट्ठों और हड्डियों की नशवोनुमा के लिये बहुत ज़रूरी है यानी दूध एक मुकम्मल ग़िज़ा है इसीलिये रसूले ख़ुदा स0 की हदीस है कि ‘‘दूध के सिवा कोई चीज़ खाने पीने का नेमुल बदल नहीं है’’। हामेला औरत दूध पीयें कि बच्चे की अक़्ल में ज़्यादती का सबब है, मज़ीद फ़रमाया कि दूध पियो कि दूध पीने से ईमान ख़ालिस होता है।
· रवायत में है कि दूध आँखों की बीनाई में इज़ाफ़े का सबब है, निसयान को ख़त्म करता है, दिल को तक़वीयत देता है, और कमर को मज़बूत करता है, शरीअत का हुक्म है कि बच्चे के लिये तमाम दूधों में सबसे बेहतर माँ का दूध है।
· जदीद तहक़ीक़ से आज यह बात साबित हो चुकी है कि माँ का दूध बच्चे के लिये न सिर्फ़ मुकम्मल ग़िज़ा है बल्कि बच्चे को मुख़तलिफ़ बीमारियों से भी महफ़ूज़ रखता है हत्ता पाया गया है कि ऐसे बच्चे जो बचपन में माँ का दूध पीते हैं बड़े होकर भी ज़्यादा फ़अआल ज़हीन, तन्दरूस्त और बहुत सी बीमारियों से बचे रहते हैं।
· क़ुरआन में इरशादे परवरदिगार होता है ‘‘माँयें अपनी औलाद को पूरे दो साल दूध पिलायेंगी’’ सूर-ए-बक़रा अ0 224
· और हमने इन्सान को उसके माँ बा पके बारे में वसीयत की, उसकी माँ ज़हमत पर ज़हमत उठा कर हामेला हुई और उसके दूध पिलाने की मुद्दत 2 साल में मुकम्मल हुई है। सूर-ए-अनकबूत आयत 14

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