Saturday 26 October 2013

दर्दे पहलूः दर्दे शिकमः में सुकून पैदा करता है।

 
· दर्दे पहलूः उबैद बिन सालेह कहता है कि इमाम सादिक़ अ0 से दर्दे पहलू की शिकायत की। आप अ0 ने फ़रमाया दस्तरख़्वान पर बची हुई और गिरी हुई ग़िज़ा को खाओ, कहता है ऐसा किया और पहलू का दर्द ठीक हो गया।
· दर्दे शिकमः इमाम सादिक़ अ0 ने फ़रमाया एक शख़्स जनाबे अमीरूल मोमेनीन की खि़दमत में आया और दर्दे शिकम की शिकायत की। इमाम अ0 ने पूछा ज़ौजा है? उसने कहा हाँ, आप अ0 ने फ़रमाया ज़ौजा से कुछ रूपिया ब-उनवाने हदिया हासिल कर, उससे शहद ख़रीद और उसमें बारिश का पानी मिलाकर पियो कि परवरदिगार फ़रमाता हैः
· 1. और हमने आसमान से नाज़िल किया मुबारक पानी (सूर-ए-काफ़ आयत 10)
· 2. उन मक्खियों के पेट से पीने की एक चीज़ निकलती है (शहद) जिसके मुख़तलिफ़ रंग होते हैं लोगों (की बीमारी) के लिये शिफ़ा है। (सूर-ए-नहल आयत 69)
· 3. फ़िर अगर वह (ज़ौजा) अपनी मर्ज़ी से तुम्हें कुछ (दे) तो खाओ बेहतर और मुफ़ीद है सूर-ए-निसा, आयत 4।
· चावल को धो कर साये में सुखाओ फिर भून कर अच्छी तरह कूट लो और रोज़ाना सुबह को एक मुट्ठी खा लिया करो, दर्दे शिकम में मुफ़ीद है।
· सेब खाओ मेदे को पाक करता है। (इमाम अली अ0)
· अमरूद मेदे को साफ़, क़ल्ब में जिला और दर्द में सुकून पैदा करता है।
· अमरूद खाना दिल को जिला देता है और अन्दरूनी दर्दों को ख़त्म करता है।

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