Saturday 26 October 2013

health tips

 नहार मुँह ग़ुस्ल करने से बलग़म का ख़ात्मा होता है।
· नहाने से पहले सर पर सात चुल्लू गरम पानी डालो कि सर दर्द में शिफ़ा हासिल होगी।
· ख़ाली या भरे हुए पेट में हरगिज़ नहीं नहाना चाहिये, बल्कि नहाते वक़्त कुछ ग़िज़ा मेदे में मौजूद होना चाहिए। ताकि मेदा उसे हज़म करने में मशग़ूल रहे, इस तरह मेदे को सुकून मिलता है।
· एक रोज़ दरमियान नहाना गोश्त बदन में इज़ाफ़ा का सबब है।
· नहाना इन्सानी बदन के लिये इन्तेहायी मुफीद है। ग़ुस्ल इन्सानी जिस्म को मोतदिल करता है, मैल कुचैल को जिस्म से दूर करता है आसाब और रगों को नरम करता है और जिस्मानी आ़ा को ताक़त अता करता है। गन्दगी को ख़त्म करता है और जिस्म की जिल्द से बदबू को दूर करता है।
· अगर चाहते हो कि खाल दाने, आबले, जलन से महफ़ूज़ रहे तो नहाने से पहले रौग़ने बनफ़शा बदन पर मलो।

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